वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर 23 मार्च को प्रदेश में मनाया जायेगा सेवा दिवस।

  • वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर 23 मार्च को प्रदेश में मनाया जायेगा सेवा दिवस।
  • मेरा हर पल राज्य के विकास के लिए है समर्पित – मुख्यमंत्री
  • राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्द्धन के लिए मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश।

देहरादून: मुख्यमंत्री ने वर्तमान सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली से वर्चुअल बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि 22 से 25 मार्च तक प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इन आयोजनों में जनता के जुड़ाव के लिए भी प्रभावी पहल की जाए। 23 मार्च को सेवा दिवस के रूप में मनाया जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के तीन साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विकासखण्ड स्तर तक बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन किया जाए। स्वास्थ्य शिविर लगाये जाएं। जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। जन सरारेकारों से जुड़े कार्यों में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।

ये भी पढ़ें:  पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के राष्ट्रीय अधिवेशन का तीसरा दिन, जनसंचार के क्षेत्र में एआई की प्रभावशाली उपयोगिता पर मंथन

मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि वे अभी दिल्ली प्रवास पर हैं, लेकिन उनका मन हर पल राज्य के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन साल के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों को जोड़ा जाए। विभिन्न क्षेत्रों में सरानीय कार्य करने वालों की सफलताओं की कहानियां आम लोगों तक पहुंचाई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तीन साल के कालखण्ड में राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप विकास के कई प्रतिमान स्थापित किये गये हैं। कई ऐसे निर्णय लिये गये हैं, जो राज्यहित के लिए नितान्त जरूरी हैं। समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी जैसे ऐतिहासिक कानून लागू किये गये, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य को अलग पहचान मिली है। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए पहली बार राज्य का बजट 01 लाख करोड़ के पार पहुंचा है।

ये भी पढ़ें:  सांसद राज्यसभा डॉ. नरेश बंसल ने सदन मे सहकारी समितियों पर जीएसटी दर को तर्क संगत बनाने का असर का किया अतारांकित प्रश्न

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्द्धन के साथ ही चाल-खाल, कुओं, गाड-गदेरों के पुनर्जीवीकरण के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किये जाएं। आगामी ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत प्रदेशभर में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव एल.फैनई, आर.मीनाक्षी सुदंरम, डीजीपी दीपम सेठ, सचिवगण, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, वर्चुअल माध्यम से उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, आर.सी अजय मिश्रा एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें:  पीएचडीसीसीआई उत्तराखंड चैप्टर में विनीत कुमार गुप्ता को चेयरमैन नियुक्त किया गया; यूकाइटेक्स 2025 की घोषणा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *